28 अक्तूबर 2013

क्यूँ नहीं ...!
क्यूँ नहीं होता कोई ऐसा ज़िंदगी में
जो कहीं नहीं होता पर
होता है हमारी यादों में सबसे ज्यादा  
भटकता रहता है गलियारों में आत्मा की
और हम ये दावा भी नहीं कर पाते
कि देखो

प्यार का चेहरा ऐसा होता है !

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